बुधवार, 10 दिसंबर 2008

सरस्वती नदी व हिन्दू सभ्यता

आमुख :
"सरस्वती" अपने में ही यह इतना व्यापक स्वरुप है जिसका नाम लेने मात्र से ही इसके विविध गुणों का स्वयं ही विशाल रूप उपस्थित हो जाता है। और यह दशा केवल उनकी ही नहीं है जो शिक्षित हैं और सरस्वती के बारे में अध्ययन प्राप्त हैं अपितु भारत वर्ष का एक अनपढ़ किसान भी जिसने कभी पुस्तकों का मुह तक नहीं देखा वह भी सरस्वती के विविध गुणों को जानता है और बखान करता है परन्तु उसका ज्ञान वर्त्तमान में मात्र इतना है की - कभी यह मां सरस्वती विशाल नदी के रूप में इस पावन धरती पर बहती थीं किन्तु वह सदियों पहले विलुप्त हो चुकी हैं एवं वर्त्तमान में प्रयाग के संगम में विद्यमान हैं। अतः भारत के एक सामान्य नागरिक के मन में भी माँ सरस्वती के प्रति कोई संशय नहीं है। और इसी का परिणाम है कि अपने कुछ ऋषि तुल्य विद्दानों व् इतिहासकारों ने अपने निरंतर प्रयासों से वेदों में वर्णित सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने के (विगत ३० वर्षों ) से प्रयासरत हैं। वर्त्तमान में जिसका परिणाम यह है कि अब सरस्वती नदी केवल वेदों में ही नहीं बल्कि साक्षात् पृथ्वी पर पुनः प्रकट हो गयीं हैं। और अब कुछ अभारतीय विद्दानो द्वारा उपस्थित किये गए संशय के प्रश्न स्वतः ही निर्मूल हो गये हैं।

12 टिप्‍पणियां:

KK Yadav ने कहा…

Nice one...Keep it up.

shama ने कहा…

Pata nahee kayi baten..!
Anek shubhkamnayen!

Ek binatee...please ye word verification hata den!

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kshama ने कहा…

Pehlee baar aayee hun,aapke blog pe..! Padhtee ja rahee hun..!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने. धन्यवाद

amlendu asthana ने कहा…

आपने सरस्वती मां के बारे में जो जानकारी दी है वह महत्वयूर्ण है। मां को नमन और साथ में उन विद्वानों को भी जिन्होंने अपने प्रयास से सरस्वती नदी को फिर से घरती पर प्रकट किया। आपको और आपके परिवार को नवरात्र की ढेर सारी शुभकामना। कामना है, आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

MAHATVPOORN JAANKAARI HAI ...
VAISE BHI SARASWATI MAAM TO HAR BHAARATVAASI KE DIL MEIN JEEVIT RAHTA HAI .....

कविता रावत ने कहा…

Hamari aashtha se judi sarswati nadi ke baare mein aapne bahut sahi jaankari di....
धन्यवाद

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत बढिया.

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

बहुत खूब अच्छी रचना
बधाई स्वीकारें

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन रचना
बहुत बहुत आभार

Unknown ने कहा…

भ्राता श्री,अत्योत्तम जानकारी दी अपने..

Unknown ने कहा…

आप बहुत अच्छा रचनात्मक कार्य कर रहे हैं हम तो सिर्फ भारत पर होने वाले हमले की प्रतिक्रिया में मन मे पैदा हुए क्षोभ को शांत करने के लिए लिखते हैं। आप के लिए मन से हार्दिक शुभकामनायें।